रायपुर :दिनांक 1 फरवरी दिन गुरुवार को हेल्थ फेडरेशन की आपतकाल मीटिंग और प्रेस कांफ्रेंस रखी जा रही है। भाजपा के नेताओं और वर्तमान मंत्रियों ने हेल्थ फेडरेशन के धरना स्थल पर आकर हमारी मांगों को पूरा करने का वादा किया था,किंतु हमारी मांगे तो दूर हड़तालरत साथियों की वेतन स्वीकृति तक नहीं की गई है और साथ उच्च शिक्षा हेतु अध्ययन अवकाश भी नहीं दिया गया है।
वादा अभी तक वादा ही नजर आ रहा है,वह सरकारी कागजों में उतरता दिखाई नहीं दे रहा है। इन सब के वजह से स्वास्थ्य विभाग के समस्त चिकित्सकों,नर्सों और स्वास्थ्य संयोजकों में काफी निराशा और आक्रोश पनपता जा रहा है।
बार बार एस्मा का हवाला दिया जा रहा है,जबकि एस्मा का वेतनस्वीकृति से कोई भी संबंध नहीं है। एस्मा एक्ट गृह विभाग का कानून है,जिसमें वेतन कटौती या किसी भी विभागीय पनिशमेंट का कोई उल्लेख ही नहीं है। एस्मा के दौरान हड़ताल में गए राजस्व विभाग के पटवारी एवम स्वास्थ्य विभाग के जूनियर डॉक्टर्स और एनएचएम के कर्मचारियों का वेतन भुगतान किया जा चुका है,किंतु केवल हेल्थ फेडरेशन से जुड़े स्वास्थ्य संयोजकों,नर्सों और डॉक्टरों के वेतनस्वीकृति/एनओसी पर नियम कायदों की सुई जबरजस्ती पिरोई जा रही है।
लोकसभा चुनाव की आचार संहिता फरवरी में कभी भी लग सकती है,अतः हमारा भाजपा सरकार से आग्रह है कि हमें वेतनस्विकृति और एनओसी तत्काल प्रदान करें और हमारे मंच पर आकर आपने जो वादा किया था,उसे पूरा करने हेतु शासन प्रशासन स्तर विधिवत कार्यवाही प्रारंभ करें।
हम भाजपा सरकार को आगामी लोकसभा चुनाव हेतु अग्रिम शुभकामनाएं देते हैं और चाहते हैं कि स्वास्थ्य विभाग का हर अधिकारी कर्मचारी भी आपको दिल से शुभमकामनाएं अर्पित करें और हमें उम्मीद है कि इस प्रचंड शुभकामनाओं का मार्ग भी मौजूदा सरकार को अच्छी तरह पता है।
किंतु ऐसा न होने की स्तिथि में हेल्थ फेडरेशन को अपनी रणनीति तैयार रखनी होगी,दिनांक 1 फरवरी दिन गुरुवार को हेल्थ फेडरेशन की आपतकाल मीटिंग और प्रेस कांफ्रेंस रखी जा रही है। इस दिन माननीय मुख्यमंत्री जी,उपमुख्यमंत्री जी,स्वास्थ्य मंत्री जी,वित्त मंत्री जी और अन्य मंत्रियों से चर्चा उपरांत ठोस निर्णय लिया जाएगा।अतः स्वास्थ्य विभाग के सभी नर्सिंग स्टॉफ,स्वास्थ्य संयोजकों और डॉक्टरों से आग्रह है कि आप भी तैयार रहें।
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