मुख्यमंत्री ने पुलिस महानिरीक्षकों और पुलिस अधीक्षकों के सम्मेलन को किया संबोधित


10 फरवरी 2024 / मुख्यमंत्री विष्णु देव ने अधिकारियों से कहा कि पुलिस का व्यवहार अपराधियों के लिए कठोर हो और आमजनों के लिए उतना ही नम्र और मृदु होना चाहिए। उन्होंने कहा कि अवैध शराब, जुआ, सट्टा जैसी सामाजिक बुराईयां समाज को अंदर तक खोखला कर देती हैं। जब युवा इससे प्रभावित होते है तो यह सर्वाधिक चिंता जनक है। मुख्यमंत्री ने अधिकारियों को कड़ा निर्देश देते हुए कहा कि यदि आपराधिक गतिविधियों पर लगाम नहीं लगेगी तो ना केवल संबंधित जिले के पुलिस कप्तान बल्कि थाना स्तर के पुलिस अधिकारियों पर भी कार्रवाई की जाएगी।

 विष्णु देव साय ने कहा कि पुलिस विभाग अनुशासित विभाग है, पुलिस अधिकारियों में यह अनुशासन दिखना चाहिए, जो अंततः अनुशासित और अपराध मुक्त समाज की स्थापना में मील का पत्थर साबित होगा। उन्होंने प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी की दंड से न्याय की ओर की संकल्पना को स्थापित करने के लिए किये जा रहे प्रयासों का जिक्र करते हुए कहा कि नए कानून समयबद्ध तरीके से लागू हों, यह सुनिश्चित किया जाए।

    मुख्यमंत्री विष्णु देव साय ने कहा कि प्रदेश के माओवाद प्रभावित क्षेत्र में हमारे जवान कठिन परिस्थितियों में उनका डटकर मुकाबला कर रहे हैं। उन्होंने संदेश दिया कि छत्तीसगढ़ सरकार हर मोर्चे पर पुलिस कर्मियों के साथ खड़ी है और उनके सुविधाओं में कोई कमी नहीं आने दी जाएगी। पुलिस के कल्याण के लिए सभी जरूरी कदम उठाए गए हैं। समय पर पदोन्नति, आवास, जरूरी अधोसंरचना सहित संसाधनों की आपूर्ति के लिए हमने व्यवस्थाएं की हैं, इसे आगे भी जारी रखेंगे। मुख्यमंत्री साय ने छत्तीसगढ़ शासन के वित्तीय वर्ष 2024-25 के बजट का उल्लेख करते हुए कहा कि इस बजट में पुलिस विभाग के लिए बड़ी राशि आवंटित की गई है। यह बजट कानून का राज स्थापित करने में निर्णायक साबित होगा।


उपमुख्यमंत्री और गृहमंत्री विजय शर्मा ने कहा कि मुख्यमंत्री विष्णु देव साय सरकार के पहले बजट में गृह विभाग को काफी कुछ मिला है, पिछले वर्ष के बजट की तुलना में गृह विभाग के बजट में 16 प्रतिशत की वृद्धि हुई है। इस बजट में नक्सल ऑपरेशन में जाने वाले जवानों के लिये राशन का बैग और स्पाईक रेसिस्टेंट शूज का प्रावधान किया गया है, जिससे अब नक्सल ऑपरेशन में जाने वाले जवानों को सुविधा होगी। पुलिस विभाग के सभी अधिकारी और कर्मचारियों की सुविधाओं में वृद्धि के लिए भी इस बजट में प्रावधान किये गए हैं। उन्होंने कहा कि हमारे मुख्यमंत्री के हृदय में बड़े अधिकारी से लेकर आरक्षक तक के अधिकारी के लिए समान रूप से संवेदना है। हम सबका कर्तव्य है कि अपराध हुआ तो अपराधी को जल्द से जल्द पकड़ लें। शर्मा ने कहा कि समाज में वातावरण बने कि अपराध ही न हो और इसी लक्ष्य के साथ अधिकारियों को अपने दायित्वों का पालन करना चाहिए। उन्होंने कहा कि पुलिस का कप्तान यह ठान ले कि जिले में अपराध न हो, नशे का व्यापार न हो तो वह बिल्कुल नहीं होगा। छत्तीसगढ़ शांति का टापू था, इसे हम फिर से  शांति के टापू के रूप में स्थापित करेंगे, उन्होंने यह संकल्प दोहराया।

    सम्मेलन में पुलिस महानिदेशक अशोक जुनेजा ने स्वागत उद्बोधन दिया और पुलिस विभाग से जुड़ी महत्वपूर्ण जानकारियां साझा की। इस मौके पर मुख्य सचिव अमिताभ जैन, अपर मुख्य सचिव मनोज कुमार पिंगुआ, अतिरिक्त पुलिस महानिदेशक हिमांशु गुप्ता, प्रदीप गुप्ता, एस.आर.पी कल्लुरी, विवेकानंद सिन्हा, अमित कुमार गुप्ता, मुख्यमंत्री के सचिव पी. दयानंद, राहुल भगत, डॉ. बसवराजू एस. सहित छत्तीसगढ़ के सभी रेंज के पुलिस महानिरीक्षक और जिलों के पुलिस अधीक्षक मौजूद रहे।

सम्मेलन के अंत में ग्रुप फोटोग्राफी भी कराई गयी जिसमें कृषि मंत्री  राम विचार नेताम, विधायक अमर अग्रवाल तथा प्रबोध मिंज उपस्थित रहे।


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