रायपुर , 14 मार्च 2024। भाजपा की विष्णुदेव सरकार तीन माह में विफल साबित हो गई। प्रदेश कांग्रेस संचार विभाग के अध्यक्ष सुशील आनंद शुक्ला ने सरकार की 20 विफलतायें गिनाते हुये कहा कि राज्य में भ्रष्टाचार और कुशासन का दौर हावी है।
उन्होंने कहा कि रेत के दाम तीन गुना बढ़ गये भाजपाई सत्ताधीशों और रेत माफियाओं के बीच सांठगांठ हो गयी है। पटवारी परीक्षा में गड़बड़ी किया, बेरोजगारों के साथ अन्याय। किसान आत्महत्या कर रहे राजनांदगांव, बस्तर, बिलासपुर हर जगह से किसानों की आत्महत्या की खबरे आ रहा। किसानों के धान का पैसा न्याय योजना की चौथी किस्त खा गये। सरकार ने मक्का, गन्ना गौण अन्नो का समर्थन मूल्य पर खरीदी बंद कर दिया। युवाओं को मिलने वाला बेरोजगारी भत्ता बंद कर दिया। धान कीमत 3100 एकमुश्त नगद देने का वायदा भी अधूरा ही पूरा किया आज भी पूरे किसानों को पैसा नहीं मिला है। सरकार ने व्यापारियों से भयादोहन शुरू कर दिया जीएसटी के छापे मारे जा रहे, व्यापारियों को डराया जा रहा, वसूली किया जा रहा। जमीनों के खसरा लॉक कराया जा रहा, नामांतरण बंटाकन रजिस्ट्री रोक कर जमीन व्यापारियों से वसूली किया जा रहा। तीन माह में 13000 करोड़ का कर्ज ले लिया सरकार का वित्तीय प्रबंधन फेल। गौ तस्करी की घटनायें शुरू हो गयी। शराब तस्करी मादक पदार्थों की तस्करी शुरू हो गयी। पांच सौ रूपया में रसोई गैस सिलेंडर देने का वादा भूल गये, छात्रों को स्कूल कॉलेज जाने भत्ता का वादा भूल गये, 1 लाख सरकारी पदों पर भर्ती का वादा अधूरा, कृषि भूमिहीन मजदूरों को 10 हजार रू. सालाना देने का वादा भूल गये। रिमोट कंट्रोल सरकार है विष्णुदेव सरकार। छत्तीसगढ़ सरकार केंद्र शासित सरकार बन गयी है। सरकार के सारे फैसले पीएमओ से लिये जा रहे है। महिलाओं के प्रति अपराधों में बढ़ोतरी हो गयी, पोटाकेबिन में बच्ची की जलकर मौत, अबोध बच्ची मां बनी, नारायणपुर में मासूम बच्चियों से स्कूल में छेड़खानी। बलात्कार, सामूहिक बलात्कार की घटनायें बढ़ गयी। लूट, अपराध, डकैती, चाकूबाजी की घटनायें बढ़ गयी। अपराध और अपराधी बेलगाम हो चुके है। महतारी वंदन में माताओं, बहनों से धोखा, 25 प्रतिशत माताओं के खाते में पैसा गया, शेष घूम रही है। 18 लाख आवास देने की बात कहा लेकिन एक भी आवासहीन के खाते में पैसा नहीं आया। सरकार 18 लाख नाम सार्वजनिक करें, जिनके मकान स्वीकृत किये है। नक्सली घटनायें बढ़ गयी सरकार ने तीन माह में कोई घोषित नक्सल नीति नहीं बनाया। रोज नक्सली हत्यायें कर रहे सरकार बयान देने तक सीमित है। आदिवासियों के प्रति अत्याचार और अपराध में बढ़ोतरी हो गयी।
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