कोरिया । पशु चिकित्सा सेवायें के उप संचालक ने बताया कि जिले के समस्त सूकर पालकों को होने वाले पशुधन की क्षति के बचाव हेतु पशुधन विकास विभाग द्वारा क्लासिकल स्वाईन फिवर नियंत्रण कार्यक्रम का आयोजन 15 मार्च से 30 अप्रैल तक कर दिया गया है। जिसके तहत सूकर पालकों से आग्रह किया गया है कि वे अपने सूकरों में अधिक से अधिक संख्या में स्वाइन फीवर का टीकाकरण एवं टैगिंग कराएं और टीकाकरण में सावधानी बरतें।
बता दें कि टीकाकरण के पूर्व कृमिनाशक दवापन कराना आवश्यक है, 3 माह के उपर के सूकरों को टीकाकरण अवश्य कराएं साथ ही बीमार या पूर्व से ग्रसित बीमार सूकरों को टीका न लगवायें। गर्भावस्था के अंतिम चरण यानी आखिर 40 दिनों के दौरान में मादा सूकरों का टीकाकरण न करवाएं तथा कुपोषित, त्वचा रोग से ग्रसित और परजीवी से ग्रसित सूकरों का टीकाकरण न करवाए।
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