मतदाताओं के मन भाया-लोकसभा निर्वाचन की झलकियां

 

बीजापुर।  जिले में 19 अप्रैल मतदान दिवस कई मायनों में मतदाताओं के स्मृति पटल पर अमिट तस्वीर छोड़ गई है। प्रशासन की मुस्तैदी और जिला निर्वाचन की स्वीप कार्यक्रम और आदर्श मतदान केन्द्र सहित जिले भर के मतदान केन्द्रों में उपलब्ध सुविधाओं की मतदाता सराहना कर रहे हैं। बुर्जुग, दिव्यांग, गर्भवती माताओं एवं थर्ड जेंडर मतदाताओं को प्राथमिकता क्रम में रखते हुए जिला निर्वाचन की संवेदनशील पहल देखने को मिली।

"पच्चटद वोटवाटड" की थीम मतदाताओं के मन भाया

जिले में पांच आदर्श मतदान केन्द्रों को  "पच्चटद वोटवाटड" की थीम पर तैयार किया गया जिसमें ताड़ी, छिंद एवं सल्फी की पत्तियों से केन्द्र को छांयादार एवं बांस शिल्प कला के माध्यम से बैठक व्यवस्था, तेज गर्मी से बचाव हेतु कुलर, मटके में शीतल पेयजल की सुविधा, स्वास्थ्य कर्मियों की ड्यूटी, दिव्यांग बुर्जुग मतदाताओं के लिए व्हील चेयर के अलावा सहायता के लिए एनएसएस, एनसीसी, स्काऊट गाईड एवं रेड क्रॉस वालेंटियर की व्यवस्था को मतदाताओं ने बहुत पसंद किया, जिले में इस पहल की प्रशंसा हो रही है। जिले में तमाम विपरीत परिस्थितियों को ध्यान में रखते हुए मतदान केन्द्रों में केंद्रीय सुरक्षा बल और पुलिस के जवानों की मुस्तैदी के बीच शांतिपूर्वक मतदान संपन्न किया गया। मतदान केन्द्रों में गर्मी के देखते हुए सुबह से ही मतदाताओं का उत्साह देखने को मिला। खासकर महिलाओं ने सभी काम छोड़कर पहले मतदान करने कतार में दिखे। सुबह 6 बजे से कतारबद्ध मतदाताओं ने कहा पहले मतदान-फिर जलपान। शिशुवती महिलाएं गोद में बच्चा लिए कतार में खड़ी होकर जल्द मतदान करने को ही प्राथमिकता दी।

एनएसएस, एनसीसी, स्काऊट गाईड, वालेंटियर बने दिव्यांग मतदाताओं के लिए सारथी

जिले के मतदान केन्द्रों से दिव्यांग मतदाताओं को व्हील चेयर के माध्यम से मतदान में सहयोग करते हुए एनएसएस, एनसीसी, स्काऊट गाईड, वालेंटियर नजर आए। लोकतंत्र के इस महापर्व में ये युवा अपनी जरूरतमंदों की सहायता कर अपनी सहभागिता निभा रहे थे।  

सेल्फी जोन में सेल्फी लेकर मतदाताओं ने सोशल मीडिया में शेयर की तस्वीर

आदर्श मतदान केन्द्र सहित जिले के संगवारी मतदान केन्द्रों में सेल्फी जोन रखे गये थे जिसमें मतदाताओं ने मतदान करने के पश्चात सेल्फी लेकर सोसल मीडिया में अपनी तस्वीरें शेयर की। दिव्यांग मतदाताओं को उनके मतदान केन्द्रों तक पहुंचने में दिव्यांग रथ की महत्वपूर्ण भूमिका रही।


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