इस कार्यक्रम में लिलेश्वरी साहू संयुक्त सचिव प्रदेश साहू संघ महिला प्रकोष्ठ, भरत साहू उपाध्यक्ष तहसील साहू संघ भाटापारा, ममता कमलेश साहू उपाध्यक्ष महिला प्रकोष्ठ तहसील साहू संघ भाटापारा, सहदेव साहू अध्यक्ष मोपर परिक्षेत्र, तिहारू राम साहू अध्यक्ष तरेंगा परिक्षेत्र, रामसागर साहू अध्यक्ष सिंगारपुर परिक्षेत्र, कुलेश्वर साहू अध्यक्ष मोपका परिक्षेत्र एवं नगर, तहसील, ग्रामीण परिक्षेत्र के समस्त प्रकोष्ठ के पदाधिकारियों के साथ सैकड़ों की संख्या में स्वजातिय बंधुओं व भगनियों ने भाग लिया। इसके पश्चात् दोपहर 3 बजे से इस कार्यक्रम में पधारे समस्त अतिथियों का स्वागत व सम्मान किया गया।
इस अवसर पर मुख्य अतिथि क्षेत्रीय विधायक इन्द्र साव ने माता कर्मा के जीवन पर प्रकाश डालते हुए अपने संबोधन में बताया कि माँ कर्मा जब बाल्यावस्था में थी तब उनके माता-पिता उन्हें घर में अकेली छोडक़र किसी कार्य से कुछ दिनों के लिए बाहर गये थे। तब वे अपनी पुत्री भक्त माँ कर्मा से कहकर गये थे कि वह स्वयं भोजन करने से पहले भगवान श्री कृष्ण को प्रतिदिन भोग लगाकर ही भोजन करें। माँ कर्मा ने प्रथम दिवस ऐसा ही किया।
उन्होंने भगवान श्री कृष्ण को भोग लगा दिया। फिर कुछ देर तक बैठी रही। कुछ समय पश्चात् उसने भोग की थाली को देखा तो वह वैसी की वैसी ही दिखी भगवान श्री कृष्ण ने भोग को ग्रहण नहीं किया था। तब माँ कर्मा ने ठान लिया कि जब तक भगवान भोग नहीं करेंगे तब तक वह भी खाना नहीं खायेगी। वह कई दिनों तक भूखे ही रहीं। तब भगवान श्री कृष्ण ने उनके हठ के आगे नतमस्तक होकर उनको स्वयं दर्शन देकर उनका लगाया भोग ग्रहण किया। जो खिचड़ा के रूप में था। ऐसी भक्त थी माता कर्मा। हम सभी उसी भक्त माता कर्मा की संताने है, जिसका हमें गर्व है। कार्यक्रम में सैकड़ो की संख्या में सामाजिक व ग्रामीणजन उपस्थित रहे।
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