महासमुंद। विशाखापट्टनम से रायपुर चलने वाली शाम की एक मात्र लोकल पैसेंजर के महासमुंद आने का समय अभी भी निर्धारित नहीं है। काफी दिनों पहले से अब तक यह पैसेंजर डेढ़ दो घंटे विलम्ब से चला करती थी। पर गत माह से देखा जा रहा है कि रात 8 बजे के पहले महासमुंद नहीं पहुंच रही है। मतलब अभी यह हर रोज 4 से 5 घंटे विलम्ब से ही आती है। परिणाम स्वरूप आंध्रप्रदेश, ओडि़शा एवं छग के बड़ी संख्या में यात्री लेट लतीफी की त्रासदी झेल रहे हैं। रेल प्रशासन भी इसके समय में कोई सुधार नहीं कर रहा है। यात्रियों ने इसके लिए समय सुनिश्चित करने की मांग की है।
मालूम हो कि ट्रेन नम्बर 08528 विशाखापट्टनम-रायपुर पैसेंजर जिसका महासमुंद आने का समय 5 बजकर 40 मिनट है। यह ट्रेन अपने समय में नहीं पहुंच रही है। इसकी लेट लतीफी से परेशान यात्री बसों में सफर करने मजबूर हैं। जब सुबह यह गाड़ी नम्बर 08527 बनकर रायपुर से 5.35 को रवाना होकर कांटाभांजी ओडि़शा तक अपने स्टेशनों में निर्धारित समय में कव्हर करते हुये रेल प्रशासन द्वारा चलायी जा रही है। यात्रियों ने इसी तर्ज पर सायं भी ट्रेन चलाने की मांग रेल मंडल से की है। वैसे प्रात: 8.30 बजे के बाद दिन भर कोई भी ट्रेन रायपुर जाने के लिये प्रतिदिन नहीं है। जबकि सोमवार, गुरूवार, शुक्रवार तथा रविवार को दोपहर एक बजे के बाद साप्ताहिक ट्रेनों में तिरूपति से बिलासपुर, विशाखापट्टनम से भगत की कोठी राजस्थान गुरूवार को, के अलावा विशाखापट्टनम से लोकमान्य तिलक टर्मिनल एलटीटी सायं 4 बजे यहां पहुंचती है।
संचालित ट्रेनों में प्रतिदिन सुबह तीन ट्रेनें ऐसी हैं जो एक घंटे के अंतराल में रायपुर जाने के लिये सुबह 7.30 बजे जुनागढ़.रायपुर पुशपुल पश्चात प्रात: 8 बजे अहमदाबाद जाने के लिये पुरी. अहमदाबाद सुपर फास्ट के अलावा चंद मिनट के बाद पुरी से दुर्ग जाने के लिये इंटरसिटी एक्सप्रेस प्रात: 8.30 बजे महासमुंद आती है। इन ट्रेनों का संचालन एक घंटे के अंतराल में हो रहा है। इस संबंध में यात्रियों ने रेल प्रशासन को सुझाव देते हुये कहा है कि यदि इन ट्रेनों के संचालन में डेढ से दो घंटे के बीच गेप कर चलाया जाये तो लोगों को बस के महंगे सफर से राहत तो मिलेगी ही। सफर भी आसान होगा और अधिक यात्री सफर कर सकेंगे। इससे रेलवे के राजस्व में भी वृद्धि होगी।
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