बच्चों का मानसिक विकास के लिए देखभाल बहुत जरूरी : धृतलहरे

 

बेमेतरा। शासन की महत्वाकांयोजना व राष्ट्रीय शिक्षा नीति 2020 के तहत बालवाड़ी का संचालन प्रदेश के हर स्कूल में किया जाना है। इसके अंतर्गत तीन दिवसीय बालवाड़ी प्रशिक्षण का आयोजन डाइट बेमेतरा के मार्गदर्शन में शासकीय बालक उच्चतर माध्यमिक विद्यालय बेमेतरा में किया जा रहा है। 

प्राचार्य जेके घृतलहरे ने कहा कि बच्चों का 85 प्रतिशत मानसिक विकास 6 वर्ष तक हो जाता है। इसलिए बाल्यावस्था की देखभाल बहुत ज्यादा जरूरी है। नई शिक्षा नीति 2020 के तहत स्कूल के बच्चों को उचित देखभाल, पोषण के साथ शिक्षा से जोडऩा है। साथ ही प्राथमिक शाला में प्रवेश के लिए तैयार करना है। इसके लिए स्कूल रेडिनेश प्रोग्राम का भी आयोजन किया गया है।

प्री-प्राइमरी में शारीरिक व मानसिक तौर पर विकसित करें 

प्राचार्य ने बताया कि नई शिक्षा नीति में इस बात का प्रावधान किया गया है कि नन्हें बच्चों को कक्षा पहली में प्रवेश के पूर्व प्री प्राइमरी कक्षाओं में भर्ती कर उन्हें शारीरिक और मानसिक रूप से तैयार करना है। बच्चों की दो माताएं होती है। एक वह जो उन्हें जन्म देती है। दूसरी वह जो उनको संवारती हैं, उनका पालन पोषण करती हैं। शिक्षिकाओं को कहा कि आप दूसरी माताएं बनकर बच्चों को संवारें और बालवाड़ी और आंगनबाड़ी के माध्यम से उनका पालन पोषण करें।

मनोरंजक ढंग से दिया जा रहा प्रशिक्षण  

प्रशिक्षण में मास्टर ट्रेनर्स के रूप में राज्यपाल पुरस्कार से सम्मानित शिक्षिका ज्योति बनाफर, नवाचारी शिक्षिका मंजू साहू, सुचिता निषाद, सीएसी उद्धव कुमार साहू, महिला एवं बाल विकास विभाग से पर्यवेक्षक रुचि राजपूत व अजीम प्रेमजी फाउंडेशन से जयप्रकाश सभी प्रशिक्षणार्थियों को विभिन्न प्रकार की थीम के माध्यम से गतिविधि कराकर बहुत ही मनोरंजक ढंग से प्रशिक्षण दे रहे हैं। कार्यक्रम में बेमेतरा विकासखंड की 93 बालवाडिय़ों से संबंधित शिक्षक-शिक्षिकाएं व 93 आंगनवाड़ी कार्यकर्ता भाग ले रहे हैं। इस अवसर पर व्याख्याता थलज कुमार साहू, जीएल खुटियारे व बीआरसी राजेंद्र कुमार साहू मौजूद रहे।


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