रायपुर। सदर बाजार जैन मंदिर से एमजी रोड स्थित दादाबाड़ी तक भव्य शोभायात्रा निकाली गई। रास्ते भर में जिन शासन के जयकारे गूंजते रहे और गुरुभक्ति का उल्लास छाया रहा। वरघोड़े के साथ हाथी, घोड़े और ऊंट की पालकी यात्रा के साथ चलती रही। गुरू के सम्मान में महिलाओं ने अपने सिर पर कलश लेकर मंगल कलश यात्रा निकाली, जो शोभायात्रा के साथ चल रहीं थी। जैन संत श्री विरागमुनि जी के प्रवेश के दौरान दादाबाड़ी में सुमधुर संगीतमयी प्रस्तुति विशेष आकर्षण का केंद्र रही। भजनों की प्रस्तुति को मुनिश्री ने आत्मजागृती का अलार्म बताया। मंगल प्रवेश के बाद मुनिश्री ने भगवान धर्मनाथ मंदिर के दर्शन किये और फिर प्रवचन स्थल पर अपना आसन ग्रहण किया। इसके साथ ही उन्होंने अपना 121 उपवास पूरा कर सोमवार को पारणा किया। आत्मस्पर्शी चातुर्मास 2024 के पदाधिकारियों ने रायपुर श्रीसंघ को चातुर्मास प्राप्त होेने आभार जताया।
इस दौरान मुनिश्री ने कहा कि जैसे जन्म मृत्यु निश्चित है वैसे ही संतों का चातुर्मासिक प्रवेश और उनकी गोचरी भी निश्चित है। आज भगवान धर्म नाथ के मंदिर में मंगल प्रवेश के दौरान हुई वह संगीतमय प्रस्तुति खुद को आत्मजागृत करने का अलार्म है। यह प्रवेश शब्द हम रोज उपयोग करते हैं। हमने अपने जीवन काल में 84 लाख योनियों में प्रवेश किया। कभी स्कूल में प्रवेश किया, कभी कॉलेज में प्रवेश किया, कभी डॉक्टरी की पढ़ाई में प्रवेश किया तो कभी इंजीनियरिंग और सीए की पढ़ाई में प्रवेश किया। हम रोज घर में प्रवेश करते हैं, ऑफिस में प्रवेश करते हैं जबकि हमें ऐसे स्थान पर प्रवेश करना है, जहां केवल एक बार प्रवेश करना पड़े बार-बार नहीं।
उन्होंने आगे कहा कि चातुर्मास की जिनवाणी सिर्फ श्रवण का कार्य नहीं है। जिनवाणी हमारे जीवन का एक आधार है। सुनना और सुनकर उसे अपने जीवन में उतारना। आप जिनवाणी को आचरण में नहीं ले पा रहे तो जीवन की गाड़ी सुचारू रूप से नहीं चल पाएगी। वैसे ही परमात्मा की वाणी को सिर्फ बाहर से सुनना नहीं है। उनकी वाणी को आप जितना अपने जीवन में उतारते गए, उतना आप जीते गए। चातुर्मास का मतलब यह है कि इस चार महीने में बाहर के सांसारिक जीवन की गतिविधियां लगभग बंद हो जाती है। जैसा कि बाहर आना-जाना, शादी समरोह, संबंध आदि कार्यक्रम चार महीने बंद हो जाते है और वहीं, धर्म की लाइन ऑन कर दी जाती है। अब इस चार महीने में क्या करेंगे। इन चार महीने अपने करीब रहना है। अपने जितने निकट रहोगे आप परमात्मा महावीर के उतने ही प्रिय बनोगे।
ऋषभदेव मंदिर ट्रस्ट के अध्यक्ष विजय कांकरिया और कार्यकारी अध्यक्ष अभय कुमार भंसाली ने बताया कि दादाबाड़ी में सुबह 8.45 से 9.45 बजे मुनिश्री का प्रवचन होगा। आप सभी से निवेदन है जिनवाणी का अधिक से अधिक लाभ उठाएं।
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