इधर पीएम मोदी यूक्रेन के लिए निकले, उधर अमेरिकी सरकार ने कर दिया बड़ा ऐलान

प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी पोलैंड की अपनी दो दिवसीय यात्रा के बाद यूक्रेन की ऐतिहासिक यात्रा पर रवाना हो गए. लंबे समय से रूस के साथ जंग में उलझे यूक्रेन की यात्रा करने वाले नरेंद्र मोदी देश के पहले प्रधानमंत्री हैं. पीएम मोदी के यूक्रेन की धरती पर कदम रखने से पहले अमेरिका ने युद्धग्रस्त यूक्रेन के लिए बड़ा ऐलान करते हुए 125 मिलियन यूएस डॉलर यानी 10,493,301,375 रुपये की सैन्य मदद देने का ऐलान कर दिया है.

अमेरिकी अधिकारियों ने कल गुरुवार को कहा कि बाइडन प्रशासन यूक्रेन को करीब 125 मिलियन डॉलर की नई सैन्य सहायता भेजेगा. वाशिंगटन कीव द्वारा रूस में घुसपैठ और जंग के दो साल से अधिक समय बाद व्यापक युद्धक्षेत्र लक्ष्यों को आगे बढ़ाने के तरीके को बेहतर ढंग से समझने के लिए काम कर रहा है. अमेरिकी अधिकारियों ने कहा कि सहायता के लेटेस्ट पैकेज में एयर डिफेंस मिसाइलें, हाई मोबिलिटी आर्टिलरी रॉकेट सिस्टम (HIMARS), जेवलिन और अन्य एंटी-आर्मर मिसाइलों, काउंटर-ड्रोन और काउंटर-इलेक्ट्रॉनिक युद्ध प्रणाली और उपकरण, 155 मिमी तथा 105 मिमी आर्टिलरी गोला-बारूद, वाहन और अन्य उपकरण शामिल हैं.

मदद का औपचारिक ऐलान आज

अधिकारियों ने नाम नहीं बताने की शर्त पर कहा कि चूंकि मदद को लेकर सार्वजनिक रूप से ऐलान नहीं किया गया है. औपचारिक घोषणा आज शुक्रवार को हो सकती है, जो यूक्रेन के स्वतंत्रता दिवस की पूर्व संध्या भी है. ये हथियार राष्ट्रपति के ड्रॉडाउन प्राधिकरण (drawdown authority) के जरिए प्रदान किए जा रहे हैं, जिसका अर्थ है कि उन्हें पेंटागन के स्टॉकपिल्स से लिया गया है और उन्हें अधिक तेजी से वितरित किया जा सकता है.

यह सैन्य मदद ऐसे समय आई है जब यूक्रेनी सेना रूस में अपने आश्चर्यजनक हमले को व्यापक बना रही है, जहां अधिकारियों का कहना है कि उन्होंने कुर्स्क के पास करीब 100 वर्ग किलोमीटर (62 वर्ग मील) क्षेत्र पर कब्जा कर लिया है. इस बीच, रूसी सैनिक पूर्व में, यूक्रेनी शहर पोक्रोवस्क के आसपास, एक अहम रसद केंद्र में बढ़त हासिल कर रहे हैं.

यूक्रेन के नेताओं के संपर्क में अमेरिका

पेंटागन के अधिकारियों की ओर से बार-बार यह कहा जा है कि अमेरिका यूक्रेनी नेताओं के साथ कुर्स्क ऑपरेशन के लिए अपने दीर्घकालिक लक्ष्यों का बेहतर आकलन करने के लिए बात कर रहा है, खासकर जब वे रूस को पोक्रोवस्क के पास आगे बढ़ते हुए देखते हैं. यदि पोक्रोवस्क पर स्थिति कमजोर पड़ती है तो यह बदलाव यूक्रेन की सुरक्षा को खतरे में डाल देगी. रूस डोनेट्स्क क्षेत्र पर कब्जा करने के अपने घोषित लक्ष्य के करीब पहुंच जाएगा. रूसी सैनिक अब यहां पहुंचने से महज 10 किलोमीटर (6.2 मील) दूर हैं.

कुर्स्क ऑपरेशन के बारे में पूछे जाने पर, पेंटागन की प्रवक्ता सबरीना सिंह ने कहा कि “हम अभी भी यूक्रेन के साथ इस पर काम कर रहे हैं कि यह युद्ध के मैदान पर उनके रणनीतिक उद्देश्यों में कैसे फिट बैठता है.” उन्होंने कहा कि अमेरिका समझता है कि यूक्रेन बॉर्डर पर एक बफर जोन बनाना चाहता है, लेकिन प्रशासन के पास अभी भी इस बारे में और सवाल हैं कि यह यूक्रेन के व्यापक युद्ध प्रयासों को कैसे आगे बढ़ाएगा.

यूक्रेनी राष्ट्रपति वोलोडिमिर जेलेंस्की ने गुरुवार को बॉर्डर एरिया का अपना पहला दौरा किया, जहां उनकी सेना ने 6 अगस्त को आक्रमण शुरू किया था. उन्होंने कहा कि कीव की सेना ने एक और रूसी गांव पर नियंत्रण कर लिया है. साथ ही युद्ध के कई और कैदियों को पकड़ लिया है. फरवरी 2022 में रूस की ओर से हमला किए जाने के बाद से अमेरिका की ओर से यूक्रेन को लगातार मदद की जा रही है. अब तक यह मदद 55.7 बिलियन डॉलर से अधिक हो गई है.

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