31 करोड़ का नया टेंडर जारी, स्काईवॉक में अंबेडकर व डीकेएस अस्पताल के सामने रहेगी लिफ्ट

 


रायपुर। जीई रोड पर पिछले 7 वर्षों से अधूरे खड़े स्काईवॉक को बनाने का नया टेंडर जारी कर दिया गया है। ठेका लेने वाली कंपनी को 8 माह के भीतर 31 करोड़ में काम पूरा करना होगा। करीब डेढ़ किमी के स्काईवॉक में 12 जगह उतरने चढ़ने के लिए एस्केलेटर लगेंगे। इसी के बाजू सीढ़ियां रहेंगी। इसके अलावा दो जगहों में अलग से सीढ़ियां बनाई जाएंगी।

डीकेएस परिसर और अंबेडकर अस्पताल के गेट के पास लिफ्ट लगाई जाएगी, ताकि मरीजों को एक अस्पताल से दूसरे अस्पताल सीधे पहुंचाया जा सके। गंभीर मरीजों को लाने ले जाने में भी स्काईवॉक का उपयोग किया जाएगा। अंबेडकर अस्पताल से रोज औसतन 20 से ज्यादा मरीज डीकेएस जाते हैं। उनके लिए ट्रैफिक की झंझट में फंसे बिना सीधे डीकेएस पहुंचना आसान हो जाएगा।

शासन से मंजूरी के बाद स्काईवॉक के अधूरे काम को पूरा करने की कवायद शुरू हो गई है। लोक निर्माण विभाग को एक महीने के भीतर इसे बनाने के लिए नई एजेंसी तय करनी है। ठेके की शर्तों के मुताबिक एक साल के भीतर ही स्काईवॉक का काम पूरा करना है। इसे मरीजों की सहूलियत के हिसाब से भी तैयार किया जाएगा।

जाम में नहीं फंसेंगे मरीज

स्काईवॉक में शास्त्री चौक वाले हिस्से पर रोटरी बनेगी। पूरे चौक पर किसी भी हिस्से में लोग चढ़-उतर सकेंगे। कई हिस्से में गर्डर तक काम हो चुका है। इसके ऊपर फ्लोरिंग कर आरसीसी स्लैब डाला जाएगा। स्लैब के ऊपर टाइल्स और दोनों किनारों पर स्टील की रेलिंग लगाई जाएगी। बारिश और धूप से बचाने के लिए ऊपरी हिस्से में पॉलीकार्बोनेट शीट लगाई जाएगी। स्काईवॉक से आस-पास सरकारी दफ्तरों में आने जाने वालों को राहत मिलेगी। सात साल पहले कराए गए एक सर्वे में ये बताया गया था कि शास्त्री चौक के चारों ओर रोज औसतन 40 हजार से ज्यादा लोग पैदल सफर करते हैं।

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