नागपुर। केंद्रीय परिवहन और राष्ट्रीय राजमार्ग मंत्री नितिन गडकरी ने शनिवार को दावा किया कि 2024 के लोकसभा चुनावों से पहले विपक्ष के एक वरिष्ठ नेता ने उनके सामने प्रधानमंत्री पद का प्रस्ताव रखा था, लेकिन उन्होंने इसे अस्वीकार कर दिया। पत्रकारिता पुरस्कार समारोह के दौरान मीडिया बिरादरी को संबोधित करते हुए नितिन गडकरी ने कहा, "मैंने नेता से कहा कि मैं एक विचारधारा और विश्वास का पालन करने वाला व्यक्ति हूं। मैं एक ऐसी पार्टी में हूं जिसने मुझे वह सब कुछ दिया है जिसकी मैंने कभी कल्पना भी नहीं की थी। कोई भी प्रस्ताव मुझे लुभा नहीं सकता।"
हालांकि, नितिन गडकरी ने विपक्षी नेता का नाम नहीं बताया और न ही घटना के बारे में डिटेल से जानकारी दी। उन्होंने कहा कि 2024 के आम चुनावों से पहले एक वरिष्ठ विपक्षी नेता ने मुझसे संपर्क किया था। उस समय माना जा रहा था कि बीजेपी पूर्ण बहुमत हासिल नहीं कर पाएगी और सरकार बनाने के लिए उसे कुछ विपक्षी दलों के समर्थन की जरूरत हो सकती है। उन्होंने कहा, "मैंने उनसे साफ तौर पर कहा कि मैं कुछ सिद्धांतों और विश्वासों के साथ बड़ा हुआ हूं और मैं उनसे समझौता नहीं करूंगा।"
उल्लेखनीय है कि लोकसभा चुनाव में बीजेपी को पूर्ण बहुमत नहीं मिला। बीजेपी की 240 सीटें ही आईं, जिसके बाद टीडीपी, जेडीयू जैसे दलों की मदद से गठबंधन की सरकार बनानी पड़ी। 2014 और 2019 के लोकसभा चुनाव में बीजेपी को अकेले दम पर बहुमत हासिल हुआ था। इस बार कांग्रेस के नेतृत्व में विपक्ष ने इंडिया अलायंस बनाया, जिसने एक साथ मिलकर देशभर में चुनाव लड़ा। इसका असर यह हुआ कि एनडीए के लिए 400 पार का दावा करने वाली बीजेपी बहुमत के आंकड़े से दूर रह गई। हालांकि, फिर से तीसरी बार प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी बने। नितिन गडकरी भी लगातार तीसरी बार बीजेपी सरकार में केंद्रीय मंत्री बने हैं।
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