आंगनबाड़ी केंद्रों में आज से वजन त्यौहार


बेमेतरा। 12 सितंबर से वजन त्यौहार शुरू हो रहा है, जो 23 सितंबर 2024 तक चलेगा। जिले के सभी आंगनबाड़ी केंद्रों में 12 दिन तक चलने वाले इस  वजन त्यौहार में 0 से 06 वर्ष से कम बच्चों का वजन कर कम वजन वाले बच्चों को चिन्हित कर कुपोषण की वास्तविक स्थिति का पता लगाया जाएगा। उनके कुपोषण  स्तर की का जांच की जाएगी। इसके साथ ही बच्चों को आंगनबाड़ी केंद्रों में पूरक पोषण आहार वितरण करने के साथी पोषक तत्वों के बारे में जानकारी दी जाएगी।

’उक्त कार्यक्रम के आयोजन के संबंध में आज  को जिले के समस्त आंगनवाड़ी केन्द्रों में सफल आयोजन करने जिला कार्यक्रम अधिकारी महिला एवं बाल विकास चन्द्रवेश सिंह सिसोदिया बैठक ली।, जिसमें जिला कार्यक्रम अधिकारी चन्द्रवेश सिंह सिसोदिया, महिला एवं बाल विकास अधिकारी सी.पी. शर्मा एवं समस्त एकीकृत बाल विकास अधिकारी व समस्त सेक्टर पर्यवेक्षक उपस्थित थे। हुए। राष्ट्रीय पोषण माह 2024 की गतिविधियों के आयोजन पोषण, स्वास्थ्य,साफ सफाई,टीकाकरण के बारे भी लोगों को जागरूक करने पर बल दिया।वही किशोरी बालिका और गर्भवती महिला का वजन व ऊंचाई लेने कहा गया।’

सिसोदिया ने कहा कि ’इस दौरान जन-जन को कुपोषण के प्रति जागरूक करने के साथ-साथ प्रत्येक परिवार को उनके बच्चों को सही पोषण के संबंध में जानकारी दी जाये। कुपोषण को दूर करने के लिए चलाई जा रही योजनाओं का लाभ कितने बच्चों को मिल रहा है और कितने बच्चे कुपोषण से निजात पा चुके हैं उसका भी पता लगाया जाये।

उन्होंने कहा कि वजन त्यौहार का आयोजन कलस्टर पर किया जाएगा। प्रत्येक कलस्टर में वजन त्यौहार के लिए विभागीय अधिकारी, कर्मचारी, पर्यवेक्षक की ड्यूटी भी लगाई जाएगी। आयोजित होने वाले वजन त्यौहार में आयु व वजन के साथ-साथ बच्चों की ऊंचाई तथा बच्चे की निःशक्तता संबंधी जानकारी भी संकलित की जाये। वजन त्यौहार के अवसर पर प्रत्येक आंगनवाड़ी केन्द्र हेतु ग्राम स्तरीय, वार्ड स्तरीय दल का गठन किया गया है, एवं समुदाय के समक्ष आंगनबाड़ी, ग्राम, नगरीय क्षेत्र के सभी सर्वेक्षित बच्चे का वजन लेकर पोषण स्तर का मापन किया जाये। इस हेतु ऑनलाइन सॉफ्टवेयर से वजन की जानकारी भरकर सॉफ्टवेयर के माध्यम से ही पोषण स्तर ज्ञात किया जायेगा। आंगनबाड़ी केंद्र में दर्ज बच्चों के अलावा वजन त्यौहार आयोजन के समय बाहर से आए बच्चे भी वजन लेने से वंचित न रहे यह भी सुनिश्चित किया जाये।’

कुपोषण की सही स्थिति को जानकर प्रत्येक बच्चे की जानकारी सॉफ्टवेयर में दर्ज कर कुपोषित बच्चों की स्थिति का डेटाबेस तैयार किया जाये। कुपोषण विषय पर जन जागरूकता में वृद्धि लाने के लिए विशेष कार्य किए जाये। राज्य के प्रत्येक केन्द्र, ग्राम पंचायत, विकासखंड में पृथक-पृथक कुपोषण की वर्तमान स्थिति की जानकारी तैयार करते हुए कुपोषण कम करने की कार्ययोजना तैयार की जाये। कुपोषण की रोकथाम के लिए संचालित योजनाओं के क्रियान्वयन हेतु बेसलाइन सर्वे एवं लक्षित बच्चों का चिन्हांकन किया जाएगा। किशोरी बालिकाओं के एनीमिया के स्तर में सुधार लाने तथा एनीमिया के स्तर का आकलन किया जाये।

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