रायपुर। विज्ञान की सत्यता है। इस लक्ष्य को सामने रख कर वैज्ञानिक सोच पर दो दिवसीय कार्यशाला का आयोजन किया गया। कार्यक्रम में मुंबई से प्रोफेसर हरी भाऊ पठोड़े, एवं प्रोफेसर रवि खानविलकर सहित डॉ प्रदीप धोते पथ प्रदर्शक उपस्थित रहे । अग्रवाल मैरिज पैलेस के पेरियार हाल में कार्यशाला आयोजित हुई। कार्यशाला में लोगों में गलत विश्वास, रूढ़िवाद, जादू टोना, आग पर हाथ रखना, आग को खाना, महिलाओं में भूत प्रेत का आना, आग पर चलना जैसे चमत्कारों की सत्यता को प्रदर्शित कर बताया गया। कार्यक्रम में उपस्थित लोगों को विद्वानों ने बताया कि समाज में रूढ़िवादिता, जादू टोना फ़ैला कर कुछ लोग अंधविश्वास फैलाकर समाज को विकृत करते हैं। चमत्कार कैसे-कैसे किये जाते हैं इसे कार्यशाला में दिखाया। दो दिवसीय कार्यक्रम में छत्तीसगढ़ के अनेक लोग उपस्थित रहे। कार्यक्रम के मुख्य अतिथि माननीय संभागायुक्त एम. डी. कावरे, प्रोफेसर के.पी. यादव, मैट्स यूनिवर्सिटी के वाइस चांसलर, विभागीय जांच आयुक्त दिलीप वासनीकर, पूर्व आई. ए. एस सत्यजीत ठाकुर, बी.एस जागृत एवं हाईकोर्ट एडवोकेट फैसल रिजवी मुख्य अतिथि के रुप में उपस्थित रहें। कार्यक्रम का संचालन सि. दी.खोबरागड़े ने किया।
दो दिवसीय कार्यशाला का आयोजन तर्कशील परिषद ने किया | कार्यक्रम के संयोजक डॉक्टर आर.के सुखदेव उपस्थित थे। समूचे कार्यक्रम में जन जागरण, नशा मुक्ति, बॉडी डोनेशन, नेत्रदान के विषय पर भी लोगों को जानकारी दी गई। कार्यक्रम के अंत में रात्रि में आग पर चलने की सच्चाई बताई गई। डॉ. आर.के. सुखदेव ने नंगें पांव आग पर चल कर दिखाया जिन्होंने बताया कि यह एक वैज्ञानिक पद्धति है। आग पर हर आदमी चल सकता है, कोई यह जादू नहीं है कोई अलौकिक शक्ति नहीं है। आग में चलने के लिए तीन सेकंड से पहले पैर उठा लिया जाए तो पैर नहीं जलता। इसी वैज्ञानिक सोच के आधार पर आग पर चला जाता है। लोग अपने अनुभव से विज्ञान की खूबियों को पहचाने एवं समाज में गलत विश्वास को दूर करें। इसी सत्य को चरितार्थ करतु हुई दो दिवसीय कार्यशाला सम्पन्न हुई।
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