कोलकाता में इंसाफ की लड़ाई लड़ रहे डॉक्टर्स की मदद को आगे आईं रिटायर्ड टीचर, दान की पेंशन


कोलकाता। कोलकाता के आर जी कर अस्पताल मामले में आंदोलनकारी डॉक्टरों का कहना है कि जब तक उनकी मांगे पूरी नही हो जाती, तब तक काम बंद रहेगा और प्रदर्शन जारी रहेगा। सोमवार को प्रदर्शनकारियों की मुख्यमंत्री ममता बनर्जी से पांचवीं मुलाकात हुई थी। जिसके बाद ममता ने डॉक्टरों की पांच मांगों में से अधिकांश को स्वीकार कर लिया है। बनर्जी ने कोलकाता पुलिस कमिश्नर सहित राज्य स्वास्थ्य़ विभाग के शीर्ष अधिकारियों को पद से हटाने की घोषणा भी की।

इस बीच बंगाल के बीरभूम में 76 वर्षीय सेवानिवृत्त महिला शिक्षक ने बलात्कार और हत्या की शिकार हुई प्रशिक्षु डॉक्टर के लिए न्याय की मांग कर रहे डॉक्टरों को अपना समर्थन देने का ऐलान किया। उन्होंने अपनी पेंशन से 10 हजार रुपए आंदोलनकारियों के लिए दान किए। रिटायर्ड शिक्षिका स्नेहमयी सरकार ने कहा कि बिना किसी बाधा के विरोध जारी रखने के लिए पर्याप्त धन जुटाना आवश्यक है। इसलिए मैंने भी प्रदर्शनकारियों को समर्थन देने का निश्चय किया है।

उन्होंने इंडिया टुडे से कहा, "आंदोलन चलाने में बहुत मेहनत लगती है और इसे चलाने के लिए बहुत पैसे की ज़रूरत भी होती है। वे लड़के और लड़कियां दिन-रात लगातार विरोध प्रदर्शन कर रहे हैं। वे अपनी तरफ़ से पूरी कोशिश कर रहे हैं। अब, वे कैसे आगे बढ़ेंगे? यह कैसे संभव होगा? इसलिए मैंने उनके फंड में दान करने का फैसला किया।"

कानूनी प्रक्रिया पर टिप्पणी करते हुए स्नेहमयी ने आगे कहा, "एक स्पष्ट सुनवाई होनी चाहिए और उसके माता-पिता को भी इसकी जानकारी होनी चाहिए। अगर उचित सजा होगी तो इससे मां-बाप का दर्द थोड़ा कम हो जाएगा।" गौरतलब है कि स्नेहमयी बीरभूम के तांतीपारा इंडियन टेक्सटाइल गर्ल्स हाई स्कूल में शिक्षिका थीं। वह 2007 में सेवानिवृत्त हुईं और वर्तमान में अपनी बेटी के साथ शांतिनिकेतन में रहती हैं।

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