अंबिकापुर। प्रदेश के अंबिकापुर में एक डाग सेंटर में कुकुर त्योहार मनाया गया। ऐसा छत्तीसगढ़ में पहली बार हुआ। पुराने बस स्टैंड में संचालित बेजुबान डॉग्स सेंटर्स में बड़ी संख्या में कुत्तों की पूजा की गई। सेंटर के संचालक लंबे समय से कुत्तों को रखकर उनकी देखरेख करते हैं। डॉग सेंटर में करीब 50 से अधिक कुत्ते रखे गए हैं। सरगुजा में आवारा कुत्तों की संख्या ज्यादा है। 2 साल पहले आवारा कुत्तों की नसबंदी का कार्यक्रम शुरू किया गया था। इससे कुत्तों की आबादी कुछ कम हुई थी। बजट स्वीकृत नहीं होने के कारण यह अभियान बंद कर दिया गया।
क्या है कुकुर तिहार?
कुकुर तिहार में कुत्तों की पूजा की जाती है. डॉग सेंटर पर कुत्तों के लिए खाना बनाया गया और उनकी पूजा की गई. इसके बाद कुत्तों को तिलक लगाकर उनसे आशीर्वाद लिया गया. कुकुर तिहार के बारे में डॉग सेंटर के फाउंडर सुधांशु शर्मा ने बताया कि कुत्ते भगवान भैरव के वाहन होते हैं. इस कारण उनकी पूजा की जाती है. पूजा करने का मुख्य कारण होता है लोगों को इन जानवरों के महत्व के बारे में समझाना.
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