महासमुंद। जिला खनिज संस्थान न्यास की शासी परिषद की बैठक बुधवार को दोपहर जिला पंचायत के सभाकक्ष में संपन्न हुई। कलेक्टर विनय कुमार लंगेह की अध्यक्षता में हुए इस बैठक में महासमुंद सांसद रूपकुमारी चौधरी वर्चुअली रूप से जुड़ी। साथ ही महासमुंद विधायक योगेश्वर राजू सिन्हा, बसना विधायक संपत अग्रवाल, खल्लारी विधायक द्वारकाधीश यादव एवं सरायपाली विधायक चातुरी नंद एवं जिला पंचायत अध्यक्ष मोगरा बाई पटेल सहित समिति के सदस्य शामिल हुए।
बैठक में वर्ष 2025-26 में 13 सेक्टर के लिए 80 करोड़ रुपए लागत के विकास कार्यों का अनुमोदन किया गया। इस दौरान बैठक में सासंद रूपकुमार चौधरी एवं मौजूद विधायकगण योगेश्वर राजू सिन्हा, सम्पत अग्रवाल, द्वारिकाधीश यादव एवं चातुरी नंद ने खनिज, पेयजल, स्वास्थ्य संबंधी महत्वपूर्ण सुझाव दिए।
बैठक में परिषद के सदस्य सचिव जिला पंचायत के मुख्य कार्यपालन अधिकारी एस आलोक द्वारा डी.एम.एफ. प्रबंधकारिणी समिति और शासी परिषद के संबंध में पावर पॉइंट प्रेजेंटेशन के माध्यम से जानकारी दी गई। बैठक में डीएमएफ के तहत प्राप्त राशि, भुगतान, ऑडिट की स्थिति और 2025-26 के लिए प्रस्तावित योजनाओं पर चर्चा की गई।
बैठक में कलेक्टर लंगेह ने कहा कि डीएमएफ राशि का उपयोग केवल उच्च प्राथमिकता और अन्य प्राथमिकता के कार्यों तक सीमित रहेगा। उन्होंने बताया कि नई गाइडलाइन के अनुसार उच्च प्राथमिकता क्षेत्र में पेयजल आपूर्ति ,पर्यावरण संरक्षण और प्रदूषण नियंत्रण उपाय, स्वास्थ्य देखभाल, शिक्षा, कृषि एवं अन्य संबद्ध गतिविधियों, महिला एवं बाल विकास, वृद्ध एवं निःशक्तजन के कल्याण, कौशल विकास एवं रोजगार और स्वच्छता प्रत्यक्ष प्रभावित क्षेत्र में प्राप्ति की 70 प्रतिशत राशि व्यय करना अनिवार्य किया गया है। उन्होंने कहा कि अन्य प्राथमिकता क्षेत्र में भौतिक अधोसंरचना में जिले के पर्यटन केन्द्रों में आवश्यक विकास एवं उन्नयन कार्य के लिए, साथ ही जिले में प्रत्यक्ष/अप्रत्यक्ष रूप से प्रभावित क्षेत्रों में अति आवश्यक पुलिया निर्माण कार्य, तटबंध एवं अन्य आवश्यक अधोसंरचना के कार्य के लिए, इसी प्रकार सिंचाई सुविधाओं के विकास हेतु जिले के नहरों, जलाशयों, नालों का मरम्मत / उन्नयन एवं आवश्यकतानुसार अन्य विकास के कार्य के लिए, ऊर्जा और जल विभाजक विकास और प्रशासनिक व्यय क्षेत्र में 30 प्रतिशत व्यय का प्रावधान किया गया है। कलेक्टर लंगेह ने कहा कि अनावश्यक व गैर-स्वीकृत कार्यों में डीएमएफ निधि के उपयोग पर सख्त प्रतिबंध लगाया गया है।
उन्होंने सभी विभागीय अधिकारियों को निर्देशित किया कि डीएमएफ अंतर्गत जो भी कार्य स्वीकृत किए जाएंगे उसमें शासन द्वारा निर्धारित निविदाओं के नियमों का पालन करते हुए कार्य करना है। किसी भी कार्य में नियमों की अनदेखी अथवा लापरवाही पर संबंधित अधिकारी जिम्मेदार होंगे। बैठक में अपर कलेक्टर रवि कुमार साहू एवं संबंधित अधिकारी उपस्थित थे। ब्लॉक स्तरीय अधिकारी वीडियो कॉन्फ्रेंसिंग के माध्यम से बैठक में शामिल हुए।
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