एमसीबी । मनेंद्रगढ़ में अस्मिता सिटी इलेक्ट्रिक महिला प्रीमियर लीग (ACI MPL) 2025 प्रतियोगिता 2025 का आयोजन गरिमामय वातावरण में सफलतापूर्वक संपन्न हुआ। इस महिला कबड्डी प्रतियोगिता का आयोजन कलेक्टर डी. राहुल वेंकट के निर्देशन तथा जिला खेल अधिकारी वीरेन्द्र नामदेव के मार्गदर्शन में किया गया। इस आयोजन का उद्देश्य ग्रामीण क्षेत्र की महिला खिलाड़ियों को खेल के क्षेत्र में मंच प्रदान करना और उनके आत्मविश्वास को बढ़ाना रहा। प्रतियोगिता के मुख्य अतिथि के रूप में जिला पंचायत सदस्य राम जीत लकड़ा उपस्थित रहे। साथ ही विशिष्ट अतिथि के रूप में सुरेन्द्र मरकाम जनपद सदस्य बुंदेली, सीता देवी जनपद सदस्य पाराडोल, हेमा रघुनाथ सरपंच बुंदेली, फूलमती सरपंच पाराडोल तथा देव कुमार सरपंच बंजी की गरिमामयी उपस्थिति ने आयोजन को विशेष गौरव प्रदान किया। इस अस्मिता सिटी प्रीमियर लीग प्रतियोगिता में कुल चार टीमों ने भाग लिया। सभी टीमों के बीच हुए संघर्षपूर्ण मुकाबलों के बाद फाइनल में लघु केंद्र बंजी और बेलकामार की टीमों ने प्रवेश किया। फाइनल मुकाबला अत्यंत रोमांचक रहा, जिसमें दोनों टीमों ने शानदार खेल कौशल का प्रदर्शन किया। अंततः बेलकामार की टीम ने बेहतरीन रणनीति और दमदार प्रदर्शन के दम पर लघु केंद्र बंजी को पराजित करते हुए विजेता का खिताब अपने नाम किया। फाइनल स्कोर में बेलकामार 43 और बंजी की 28 रहा । प्रतियोगिता में व्यक्तिगत प्रदर्शन के आधार पर खिलाड़ियों को विशेष सम्मान प्रदान किया गया। बेलकामार की कुमारी सुमन को उनके सर्वांगीण प्रदर्शन के लिए 'बेस्ट ऑलराउंडर' का खिताब प्रदान किया गया। वहीं, उनकी ही टीम की पिंकी को 'बेस्ट रेडर' और लघु केंद्र बंजी की प्रीति को 'बेस्ट डिफेंडर' का पुरस्कार मिला। इस आयोजन को सफल बनाने में ग्रामवासी बंजी, बंजी आश्रम की अधीक्षिका, बंजी के प्राचार्य आनन्द, इन्द्रजीत, रूपसिंह, निर्णायक राहुल, शिव चौधरी, यशवंत, व्यायाम शिक्षक केमेन्द्र साहू तथा शिक्षक गौरव की महत्वपूर्ण भूमिका रही। सभी ने अपनी जिम्मेदारी का निर्वहन करते हुए प्रतियोगिता को उत्कृष्ट स्तर तक पहुँचाया। जिला खेल अधिकारी की सक्रिय उपस्थिति और समन्वय से आयोजन को विशेष मजबूती मिली। कार्यक्रम के समापन अवसर पर मुख्य अतिथि राम जीत लकड़ा ने खिलाड़ियों की सराहना करते हुए कहा कि खेलों से न केवल शारीरिक विकास होता है, बल्कि मानसिक मजबूती और आत्मविश्वास भी बढ़ता है। उन्होंने खिलाड़ियों को हर संभव सहायता देने का आश्वासन दिया। यह प्रतियोगिता न केवल एक खेल आयोजन थी, बल्कि यह ग्रामीण क्षेत्र की महिलाओं के सशक्तिकरण, उनकी प्रतिभा को मंच देने और सामाजिक समावेशन का प्रतीक भी बनी।
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