पास्टर बजिंदर सिंह को उम्रकैद की सजा, दुष्कर्म मामले में मोहाली कोर्ट ने सुनाया फैसला


मोहाली। पादरी बजिंदर सिंह मामले में पंजाब की मोहाली कोर्ट ने मंगलवार को सजा का एलान किया. कोर्ट ने बजिंदर सिंह को उम्रकैद की सजा सुनाई है. बता दें कि बजिंदर सिंह पंजाब के मोहाली के जीरकपुर की एक महिला के साथ दुष्कर्म मामले में दोषी पाया गया था. बजिंदर सिंह को दोषी ठहराए जाने के बाद पुलिस ने हिरासत में ले लिया था. हालांकि उससे पहले वह जमानत पर जेल से बाहर था.

जानें क्या है पूरा मामला?

बता दें कि पादरी बजिंदर सिंह को बीते शुक्रवार (28 मार्च) को मोहाली कोर्ट ने 2018 के एक यौन उत्पीड़न और बलात्कार के मामले में दोषी ठहराया था. उसके बाद कोर्ट ने सजा पर फैसला सुरक्षित रख लिया था. मंगलवार (1 अप्रैल) को कोर्ट ने इस मामले में सजा का एलान करते हुए उसे उम्रकैद की सजा सुनाई. पास्टर बजिंदर के खिलाफ अदालत में उसके वकील एचएस धानोआ ने याचिका दायर कर कोर्ट को बताया था कि 3 मार्च को पास्टर बजिंदर सिंह को अस्पताल में भर्ती कराया गया था. जिसके चलते वह कोर्ट में पेश नहीं हो सके. पास्टर के वकील ने उनकी तरफ से पेशी से छूट के लिए अदालत में याचिका भी दायर की थी. वहीं इस मामले में सरकारी वकील और बचाव पक्ष की दलीलें सुनने के बाद कोर्ट ने बजिंदर सिंह के गैर जमानती वारंट रद्द कर मामले की अगली सुनवाई 28 मार्च तय की थी. बता दें कि पास्टर बजिंदर सिंह को पुलिस ने उस वक्त गिरफ्तार कर लिया था, जब वह इंग्लैंड के बरमिंघम में करवाए जा रहे एक सेमिनार में शामिल होने के लिए दिल्ली एयरपोर्ट पर पहुंचा था. दरअसल, पास्टर बजिंदर सिंह की एक वीडियो सोशल मीडिया पर तेजी से वायरल हुई थी, जिसमें वह एक महिला से मारपीट करता नजर आया था. ये वीडियो 14 फरवरी की बताई गई थी और ये 16 मार्च को वायरल हो गई. वीडियो में पास्टर बजिंदर महिला को थप्पड़ मारते दिखाई दिया था. इस वीडियो में पास्टर ने बच्चे के साथ बैठी एक महिला के मुंह कॉपी फेंक कर मारी थी. ये महिला पास्टर के पास काम करती थी.

पीड़िता ने बताया अपनी जान को खतरा

कोर्ट द्वारा पास्टर बजिंदर सिंह को दोषी ठहराए जाने के बाद पीड़िता मीडिया के सामने आई. उसने आरोप लगाया कि दोषी पास्टर बजिंदर सिंह एक साइको है. ऐसे में अगर वह जेल से बाहर आता है तो फिर से अपराध करेगा. इसलिए पीड़िता ने मांग की कि उसे हमेशा जेल में ही बंद रखा जाए. पीड़िता ने कहा था कि कोर्ट के फैसले से मैं बहुत खुश हूं.

उसने कहा था कि ये मेरी अकेले की जीत नहीं है. ये जीत कई लड़कियों की जीत है. इसके साथ ही पीड़िता ने अपनी जान को खतरा बताते हुए डीजीपी पंजाब से अनुरोध किया कि उसे और उसके पति को सुरक्षा दी जाए. क्योंकि आने वाले दिनों में उसपर हमले भी हो सकते हैं. पीड़िता ने अपनी सुरक्षा सुनिश्चित करने की भी मांग की.

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